"मक्कार नहीं, मेम साहब, वहां खड़े-खड़े मुझे हजार रुपए से ज्यादा मिल गया और मैंने उसे अपनी इस कुर्ती ... "मक्कार नहीं, मेम साहब, वहां खड़े-खड़े मुझे हजार रुपए से ज्यादा मिल गया और मैंने...
आज उसे फिर से वो भिखारी खुद से ज्यादा अमीर लग रहा था। आज उसे फिर से वो भिखारी खुद से ज्यादा अमीर लग रहा था।
बीवी-बच्चों के लिए कुछ लेने के लिए बाजार की तरफ मुड़ गया। आखिर उन्हें भी तो खुश करना है। बीवी-बच्चों के लिए कुछ लेने के लिए बाजार की तरफ मुड़ गया। आखिर उन्हें भी तो खुश क...
पद का फायदा न उठाने पर व अपनी हैसियत में रहने की उनकी नीति के सामने नतमस्तक थे। पद का फायदा न उठाने पर व अपनी हैसियत में रहने की उनकी नीति के सामने नतमस्तक थे।
बूढ़ी "माँ " की यही गलती थी की वो बूढ़ी हो चुकी थी। बूढ़ी "माँ " की यही गलती थी की वो बूढ़ी हो चुकी थी।
अब इ कौन न्याय है, कौन सुराज है। थके कदमों से हताश रतन घर लौट रहा था। अब इ कौन न्याय है, कौन सुराज है। थके कदमों से हताश रतन घर लौट रहा था।